तेल के खेल में करोड़ों के वारे-न्यारे करने वाला धनेंद्र जैन बना समाज सेवक

मिलावटी तेल बेच कार्रवाई की जद में आया था धनेंद्र, छिना था गनर



मेरठ । खादी पहन गनर लेकर चल भौकाल टाईट करने वाला तेल माफिया धनेंद्र जैन कोरोना काल में कोरोना योद्धा का चोला ओढ़े घूम रहा है। अपनी कारस्तानी से शहर की जनता के वाहनों को सीज करने वाला यह बाजीगर तब कानून के शिकंजे में फंसा था जब बड़े पैमाने पर चल रहे तेल का खेल उजागर हुआ था। उस समय धनेंद्र अपने कारनामों से देष के प्रमुख समाचार-पत्रों व चैनलों की सुर्खियां बना था। मामला ठंडे बस्ते में गया तो यह जनाब अब फिर से निकलकर समाचार-पत्रों में विज्ञापनों के जरिए कोरोना योद्धा बन बैठे हैं। 
दरअसल इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा तब हुआ था जब अपनी खून-पसीने की कमाई से बाइक या गाड़ियां खरीदने वाले लोगों ने इसकी शिकायत की। वाहन खरीदने के कुछ ही समय में मिलावटी तेल के कारण आने वाली दिक्कत-परेशानियों की वजह से अकेला कोई एक व्यक्ति परेशान नहीं था, बल्कि मेरठ के अलावा आसपास के जिलों के लोग भी इससे दुखी थे। जब मिलावटी तेल से संबंधित शिकायतों की फाईलें मोटी हुई तो तत्कालीन आईजी आलोक सिंह ने सख्त रूख अख्त्यिार किया जिसके बाद तेल माफियाओं के ठिकानों पर कार्रवाई का दौर शुरु हुआ। सफेदपोश लोगों का काला चिट्ठा जनता के सामने उजागर हुआ तो पता चला कि किस तरह जलेबी के रंग से पेट्रोल बना यह माफिया खुद चाशनी में डुबकी लगा रहे हैं।
तेल माफिया धनेंद्र जैन भी किसी से कम नहीं था, इसने भी इस तेल के खेल में करोड़ाें के वारे-न्यारे किए। कार्रवाई की दस्तक धनेंद्र की चैखट पर भी पड़ी और इस माफिया की सुरक्षा में तैनात तीनों गनर छिन गए। बताया यह भी जाता है की प्रशासन को गुमराह कर सरकारी गनर इसने लिए हुए थे। कोरोना काल में यह तेल माफिया धनेंद्र जैन समाज सेवी बना घूम रहा है, जबकि इसके इतिहास पर प्रकाश डाला जाए तो पता चलता है कि किस प्रकार लोग इसकी जालसाजी के शिकार हुए और उन्हें मेहनत के पैसों से खरीदे गए  वाहनों को कौड़ियों के दाम में बेचना पड़ा।